प्लेटो(plato)(428. ई.पू. )-(347ई.पू.) – प्लेटो ग्रीस और विश्व के महान दार्शनिक हैं, वे सर्वतोमुखी प्रतिभा के धनी थे।प्लेटो का जन्म
एथेंस के समीप एजिना( Aegina) नामक स्थान पर हुआ था,वे उच्च कुलीन सामंत परिवार के थे। वे सुकरात के प्रमुख शिष्य थे,सुकरात की मृत्यु से उन्हें ग्रीक प्रजातंत्र से घृणा हो गई।
इन्होंने कई देशों की यात्राएं की ,फिर एथेंस लौट कर अपनी प्रसिद्ध संस्था एकेडमी(Academy) की स्थापना की।
प्लेटो का गुरु शिष्य के साक्षात सम्पर्क में विश्वास था,एकेडमी के सदस्य एक साथ रहते थे,एक साथ खाते और एक साथ पढ़ते थे।उनका जीवन धार्मिक और दार्शनिक था।
प्लेटो की कृतियाँ सम्वादों (Dialogues)के रूप में हैं।प्लेटो के रचनाकाल को तीन भागों में बांटा जा सकता है।प्रथम काल एकेडमी की स्थापना के पूर्व का काल है, इस काल में एपॉलॉजी(Apology),क्राइटो
प्रोटेगोरस, जार्जियस, मेनो,फीडो,और सिम्पोजियम नामक सम्वादों की रचना हुई।
द्वितीय काल एकेडमी की स्थापना के तुरंत बाद का काल है, इस काल में रिपब्लिक और फीडरस(Phaedrus) नामक सम्वादों की रचना हुई।
तृतीय काल प्लेटो के प्रौढ़ काल का है,इस काल में पार्मेनाइडीज
थीटीटस(Theaetetus),सोफिस्ट, फाईलेवस,(Philebus),टाइमियस
(Timaeus),और लॉज(Laws) नामक सम्वादों की रचना हुई।
प्लेटो ने अपने असली सिद्धांत अपने शिष्यों को उपदेश रूप में दिये जिनका उन्होंने प्रकाशन नहीं किया।
प्लेटो के समय में ग्रीक दर्शन अपने चरम उत्कर्ष पर पहुंचा, इसलिए उनको पूर्ण ग्रीक की उपाधि दी गयी।